प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने और बाघों के संरक्षण में भारत की सफलता से दुनिया को अवगत कराने के लिए कर्नाटक के मैसूरु में नौ अप्रैल को तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के सदस्य सचिव एस पी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री बाघ गणना पर ताजा आंकड़े, ‘अमृत काल’ के दौरान बाघ संरक्षण के लिए सरकार का दृष्टिपत्र और एक स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे।
उन्होंने कहा, “भारत एकमात्र देश है, जिसने बाघ अभयारण्यों का स्वतंत्र आवधिक मूल्यांकन किया है। प्रधानमंत्री इस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेंगे।” तीन दिवसीय कार्यक्रम में सभी राज्यों के वन और वन्यजीव मंत्री, बाघ रेंज वाले सभी देशों के मंत्री, वैज्ञानिक और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। भारत ने बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक अप्रैल 1973 को प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया था।
शुरुआत में इसके तहत 18,278 वर्ग किलोमीटर में फैले नौ अभयारण्य लाए गए थे। अभी भारत में 75,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले 53 बाघ अभयारण्य हैं। भारत में करीब 3,000 बाघ हैं, जो दुनियाभर में इस प्रजाति की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी है और उनकी संख्या हर साल छह प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।