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अतीक और अशरफ की हत्या के पीछे कौन? हत्या को सांप्रदायिक रंग देने से किसको फायदा? – सनसनीखेज वारदात को लेकर प्रदीप भंडारी के सवाल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार रात करीब 10:30 बजे तीन बदमाशो ने हत्या कर दी। जिसके बाद उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 को लागू कर दिया गया है।

जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने अतीक और अशरफ की हत्या को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं।

प्रदीप भंडारी का सवाल है कि, अपराधी अतीक अहमद की हत्या में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक है। मीडिया के सामने शूटरों ने क्यों लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे? मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में शूटरों ने अतीक और अशरफ को गोली क्यों मारी? अतीक अहमद की गवाही से किसे दिक्कत है?

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि, जिस राज्य में कानून का राज स्थापित हो, जिस राज्य में ‘माफिया राज’ से किनारा हो गया हो, इस घटना से किसे लाभ हो रहा है? क्या कोई विश्वसनीय खुफिया जानकारी थी जिस वजह से इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया गया?

अतीक अहमद एक शातिर अपराधी था, वह उमेश पाल की हत्या के लिए जिम्मेदार था और 100 आपराधिक मामलों में सीधे नामजद था। अपने तीन दशक लंबे आपराधिक करियर में पहली बार उसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश के कानून का सामना करना पड़ा।

लेकिन एक वर्ग ऐसा है जो सतर्क अपराधियों द्वारा उनकी हत्या के कारण अतीक अहमद के आपराधिक कृत्यों और उनके राजनीतिक संरक्षण से कथा को दूर करने में लाभान्वित होता है। मेरे लिए असली सवाल यह है – इन तीन आदमियों के पीछे कौन है और किसे फायदा!

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