36 दिनों तक फरार रहने के बाद रविवार 23 अप्रैल को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अमृतपाल ने इतनी आसानी से सरेंडर क्यों कर दिया. कहीं उनकी पत्नी तो इसकी वजह नहीं थी. दरअसल, तीन दिन पहले ही भगोड़े की पत्नी किरणदीप कौर को गुरुवार 21 अप्रैल को अमृतसर एयरपोर्ट पर रोका गया था. इसके बाद से वह जांच एजेंसी की रडार पर आ गई थी.
माना जा रहा है कि अमृतपाल ने पत्नी पर जांच एजेंसी का शिकंजा कसने के बाद ही सिरेंडर करने का फैसला किया. उसे डर लगने लगा था कि कहीं उसका पूरा परिवार पुलिस की रडार में न आ जाए. उसे इस बात का भी अंदेशा हो चुका था कि वह अब ज्यादा दूर तक नहीं भाग सकता. जांच एजेंसियों ने उसे पूरी तरह से घेर लिया था. उसके सभी साथियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था.
किरणदीप कौर से पहले भी हुई थी पूछताछ
किरणदीप कौर फरवरी में अपनी शादी से एक हफ्ते पहले भारत आई थी. उसका वीजा जुलाई में खत्म हो रहा है. हाल ही में उसे लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवार होने की कोशिश के दौरान अमृतसर एयरपोर्ट पर रोका गया था. उससे पिछले महीने अमृतपाल सिंह की मां के साथ अमृतसर के जल्लुपुर खेड़ा गांव में भी पूछताछ की गई थी.
इन चार राज्यों में घूमता रहा अमृतपाल
सूत्रों ने बताया, अमृतपाल सिंह चाहता था कि पहले उनकी पत्नी सुरक्षित देश से बाहर निकल जाएं. उसे डर था कि अगर पहले वह चला गया तो उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. 6 मार्च को अपने ही एक साथी को छुड़ाने के लिए उसके समर्थकों ने अजनाला थाने पर धावा बोला था. इसके बाद ही उसके समर्थक और वह पुलिस की रडार में थे. वह पुलिस से बचने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बीच घूमता रहा क्योंकि वह ज्यादा समय के लिए एक ही जगह पर नहीं रुक सकता था.