प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा की, आज ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां मिली हैं, लाखों सन्देश मिले हैं और मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चिट्ठियों को पढ़ पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करूं।
आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं, दरअसल बधाई के पात्र तो आप सब ‘मन की बात’ के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं।
मन की बात के पहले कार्यक्रम को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 का अक्टूबर महीना। विजयादशमी का पर्व था। विजयाजशमी मतलब बुराई पर अच्छाई का पर्व। वैसे ही मन की बात भी देशवासियों की अच्छाईयों का, उनकी सकारात्मक्ता का एख पर्व बन गया है। हम इसमें पॉॉजिटिविटी को सेलिब्रेट करते हैं।