कांग्रेस के घोषणापत्र का जवाब बीजेपी कर्नाटक के सभी मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करवा कर देगी। गुरुवार शाम को कार्नटक के सभी मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा । बीजेपी ने इसके लिए बूथ स्तर पर तैयारी पूरी कर ली है। कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध इस चुनाव का सबसे बड़ा विवाद बना चुका है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विजयनगर में विरोध प्रदर्शन किया और हनुमान चालीसा का पाठ किया।
बताते चलें कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक में अपनी रैली में भाषण की शुरुआत जय बजरंग बली के नारों से की। अब बीजेपी गुरुवार को पूरे कर्नाटक में हनुमान चालीसा का पाठ करेगी। बजरंग दल ने भी पूरे कर्नाटक में ‘हनुमान चालीसा’ पाठ कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है।
वहीं केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि कांग्रेस नेता का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ता नहीं जानते हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ कैसे किया जाता है। मैं सुरजेवाला को निमंत्रण देती हूं कि शाम 7 बजे वह भी आकर देखें और सुनें कि कैसे हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है।
माना ये जा रहा है कि कर्नाटक के रण में बजरंग बली की एंट्री हो चुकी है। सियासी लड़ाई अब बजरंग बली के नाम पर लड़ी जाने लगी है। रैलियों में बजरंग बली के नारे गूंज रहे हैं। राजनीतिक दलों के नेता खुद को बड़ा हनुमान भक्त साबित करने में लग गए हैं और इन सब की शुरुआत कांग्रेस के उस चुनावी दांव से हुई, जो अब उसी पर उल्टा पड़ता दिखाई पड़ रहा है। कांग्रेस ने बैठे बिठाए विरोधियों को हिंदुत्व का मुद्दा थमा दिया है। अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन के वादे ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है।
वहीं बीजेपी ने कर्नाटक की जनता से अपील करते हुए कहा है कि मैं कर्नाटक के सभी लोगों से इस कार्यक्रम में भाग लेने का अनुरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले राम मंदिर के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वे कह रहे हैं कि वे छत्तीसगढ़, कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे। उन्होंने राम को नहीं छोड़ा, इसलिए उन्हें संसद में आधिकारिक विपक्ष के रूप में भी नहीं छोड़ा गया।