कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी को बंपर जीत मिली है और पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई है। वहीं कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस पार्टी गदगद है और लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। कर्नाटक चुनाव से विपक्ष भी सकारात्मक हो गया है और लोकसभा 2024 में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कर रहा है। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव का मुद्दा अलग होता है। लोक सभा के दौरान बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगेगी।
कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “इससे पूरे देश में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। भाजपा हमें ताना मारती थी और कहती थी कि हम कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे। अब सच्चाई यह है कि यह भाजपा मुक्त दक्षिण भारत है। उन्होंने आगे कहा कि आप सभी लोगों को इस तरह एकजुट होना चाहिए, तभी हम युद्ध जीत सकते हैं और तभी देश को बचाया जा सकता है। यदि आप हर जगह लोकतांत्रिक सरकार चाहते हैं तो हमें आने वाले चुनावों में बड़ी लड़ाई लड़नी होगी। राज्य की जनता ने फैसला किया और हमें 135 सीटें मिलीं। 36 साल बाद हमारी बड़ी जीत हुई है।
वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “यह कर्नाटक के स्वाभिमान की जीत है। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं। कर्नाटक ने इतिहास रच दिया। देश को रोशनी दिखाई है। तहे दिल से देश के लाखों-लाख कार्यकर्ताओं और कर्नाटक की साढ़े छह करोड़ जनता का धन्यवाद।”
बीजेपी को इतिहास पर भरोसा
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हर लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतती रही है। मुझे लगता है कि आप इसे एक प्रवृत्ति के रूप में देख सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि साल 2014 में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता और पीएम मोदी संसदीय चुनाव में जीत दर्ज किए।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग होते हैं और ये बात हर राजनीतिक दल भली भांति जानता है। लोकसभा में मुद्दे अलग होंगे, बीजेपी के पास पीएम मोदी का चेहरा होगा। वहीं विपक्ष में चेहरे को लेकर एक राय नहीं है। जबकि विपक्ष अगर एकजुट होकर लड़ता तो वो बीजेपी को टक्कर दे पाएगा लेकिन चेहरे को लेकर विपक्ष में एक राय नहीं है। वहीं अगर विपक्ष एकजुट होकर नहीं लड़ता तो परिणाम 2019 जैसे ही हो सकते हैं।