अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जोरों पर चल रहा है, बुधवार को गर्भगृह के नवीनतम दृश्य सामने आए। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह की दीवार की तस्वीर साझा करते हुए इसे अलौकिक बताया। उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह की दीवार। अद्भुत, अलौकिक…मंदिर एक भव्य रूप लेता जा रहा है।
इससे पहले महासचिव ने कहा कि राम मंदिर में कुल 12 दरवाजे होंगे। ये दरवाजे सागौन की लकड़ी से बने होंगे। इसका काम दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। वहीं 2024 तक मंदिर में सार्वजनिक रूप से रामलला के दर्शन की उम्मीद की जा सकती है। मंदिर के बयान के अनुसार मंदिर का मुख्य द्वार ‘सिंह द्वार’ होगा।
मंदिर के 2.77 एकड़ क्षेत्र में ग्रेनाइट पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। राम मंदिर में 392 खंभे होंगे। कुल 12 गेट बनाए जाएंगे। गर्भगृह में 160 और प्रथम तल पर 132 स्तंभ होंगे। मंदिर में सागौन की लकड़ी के गेट होंगे। मंदिर पर भूकंप का कोई असर नहीं होगा। मंदिर में सलाखों का इस्तेमाल नहीं होता, पत्थरों को तांबे के पत्तों से जोड़ने का काम किया जा रहा है।
मंदिर की चारदीवारी के भीतर 5 मंदिर बनेंगे और एक पंचदेव मंदिर का निर्माण होगा। साथ ही सूर्य देव मंदिर और विष्णु देवता मंदिर भी बन रहे हैं। मंदिर के बयान के अनुसार, प्रथम तल पर सिंह द्वार का निर्माण सामने के प्रवेश द्वार पर किया जाएगा और उसके सामने नृत्य मंडप, रंग मंडप और गूढ़ मंडप का निर्माण किया जाएगा। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है।
बताते चलें कि 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी और तभी से मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि राम मंदिर अगले साल एक जनवरी तक श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (अब सेवानिवृत्त) के नेतृत्व में सर्वोच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 9 नवंबर, 2019 को सर्वसम्मति से अपना फैसला सुनाया था कि अयोध्या में वह भूमि जहां कभी बाबरी मस्जिद थी, रामलला की है।