हिंडनबर्ग मामले में अडानी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एक्सपर्ट कमेटी को ग्रुप के खिलाफ जांच में कोई सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा है कि, पहली नज़र में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है, तथा SEBI को कीमतों में बदलाव की पूरी जानकारी थी.
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह वर्तमान में यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकती है कि अडानी-हिंडनबर्ग गाथा में मूल्य हेरफेर के आरोप पर सेबी की ओर से नियामकीय विफलता हुई है।
कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी समूह की कंपनियों में गैरकानूनी तरीके से किए गए निवेश के सबूत भी नहीं मिले हैं, संबंधित पार्टी से निवेश में किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है.
रिपोर्ट में पाया गया कि भारतीय बाजारों को अस्थिर किए बिना नई कीमत पर अडानी के शेयर स्थिर हो गए. इसके अलवा रिपोर्ट में स्टॉक को स्थिर करने के लिए अडानी के प्रयासों को स्वीकार किया गया.
सर्वोच्च न्यायालय समिति के मुख्य निष्कर्ष:
1. पहली नज़र में किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ
2. शेयरों की कीमत बढ़ने में कानूनों का उल्लंघन नहीं हुआ
3. SEBI को कीमतों में बदलाव की पूरी जानकारी थी
4. अदाणी ग्रुप ने शेयरों की कीमतों को प्रभावित नहीं किया
5. अदाणी की कंपनियों में गैरकानूनी निवेश के सबूत नहीं मिले
6. संबंधित पार्टी से निवेश में नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ
7.अदाणी ग्रुप ने लाभ पाने वाले मालिकों के नाम उजागर किए
8. SEBI ने अदाणी ग्रुप से मिली जानकारी को गलत नहीं बताया है
9. न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग को लेकर भी कानून का पालन किया गया
10. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप में रिटेल निवेश का हिस्सा बढ़ा
11. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप ने निवेशकों को राहत देने की कोशिश की
12. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद शॉर्टसेलरों ने मुनाफा कमाया, इसकी जांच हो
13. ये तमाम निष्कर्ष आखिरी नहीं, क्योंकि SEBI की जांच जारी