प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग की है। पीएम ने पूछा संयुक्त राष्ट्र संघर्षों को सुलझाने में सफल क्यों नहीं हुआ यह एक चिंताजनक विषय है। पीएम मोदी ने जी7 सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा यूक्रेन युद्ध दुनिया के लिए एक बड़ा मसला है। इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर है। मैं इसे सिर्फ एक मुद्दा नहीं मानता, बल्कि मेरे लिए यह अर्थव्यवस्था, राजनीति और मानवता का मुद्दा है। भारत युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकता है जरूर करेगा। युद्ध की पीड़ा क्या होती है, यह बात यूक्रेन हम सबसे जादा जानते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का लक्ष्य विभिन्न आवाजों के बीच एक पुल के रूप में काम करना और मानवता की बेहतरी के लिए साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित रचनात्मक एजेंडे को बढ़ावा देना है। जी7 और जी20 शिखर सम्मेलन वैश्विक सहयोग के लिए अहम मंच हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आक्रमण की निंदा करने संबंधी संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों से दूर रहा, लेकिन वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है, और संयुक्त राष्ट्र में और उससे भी परे रचनात्मक योगदान देने के लिए तैयार है।
पीएम मोदी से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट को लेकर सवाल किया गया तो, उन्होंने कहा कि अगर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को UNSC का स्थायी सदस्य बनने से वंचित रखा गया तो हम इस संस्था के निर्णय लेने की प्रक्रिया और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहेंगे ।