देश के नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक बवाल छिड़ा हुआ है। कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी समेत कुल 19 विपक्षी दलों ने इस कार्य़क्रम का बहिष्कार किया है। इन दलों का कहना है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से खुद उद्घाटन करना संवैधानिक मूल्यों का हनन है। इस बीच होम मिनिस्टर अमित शाह ने उद्घाटन को लेकर तमाम डिटेल दी हैं। उन्होंने बुधवार को बताया कि नए संसद भवन में सेंगोल रखा जाएगा, जो चोल साम्राज्य के दौर की परंपरा है।
असम के मुख्यमंत्री ने हिमंत बिस्वा सरमा ने संसद के उद्घाटन से विपक्ष के दूर रहने पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘यह बायकॉट तो होना ही था। इन लोगों ने तो संसद को बनाने का भी विरोध किया था। इन लोगों ने कभी सोचा ही नहीं था कि इतनी जल्दी काम पूरा हो जाएगा। विपक्ष के लिए तो हर चीज बाउंसर की तरह ही होती है। अब अपना चेहरा बचाने के लिए ये लोग बायकॉट कर रहे हैं। संसद का उद्घाटन उस दिन हो रहा है, जो वीर सावरकर से जुड़ा है। यह भी उन लोगों की ओर से बहिष्कार करने की एक वजह हो सकता है।’
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि विपक्षी लोगों ने सोचा नहीं था कि संसद की इमारत इतनी जल्दी बनकर तैयार हो जाएगी।अब वे अपना चेहरा छिपाने के लिए बहिष्कार वाला ड्रामा कर रहे हैं। दूसरा कारण यह हो सकता है कि उद्घाटन वीर सावरकर से जुड़े दिन पर हो रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा पीएम के उद्धाटन करने पर विपक्ष बहिष्कार कर रहा है। जब आप इसे वैदित तरीके से स्थापित करेंगे तो क्या होगा? इसके जवाब में अमित शाह ने कहा, राजनीति को इसके साथ मत जोड़िए। एक बड़ी भावनात्मक प्रक्रिया है पुरानी परंपराओं से नए भारत को जोड़ने की। इसको इतने ही सीमित अर्थ में देखना चाहिए. राजनीति अपनी जगह चलती है। सब अपनी सोचने की क्षमताओं के अनुसार रिएक्शन भी देते हैं और काम भी करते हैं। उन्होंने कहा, हमने सबको बुलाया है।
बताते चलें कि 19 विपक्षी पार्टियों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। दरअसल विपक्षी पार्टियों का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के ज़रिए किया जाना चाहिए।