कर्नाटक की नव गठित सरकार के मंत्री एमबी पाटिल ने कहा है कि सिद्धरमैया पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इसने सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में कुछ हलचल पैदा कर दी है। राज्य का मुख्यमंत्री का कौन होगा, इसे लेकर दिल्ली में लंबी चौड़ी चर्चाएं हुई थीं और फिर 20 मई को सिद्धरमैया ने मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। राज्य में 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 224 में से 135 सीटें जीत कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राज्य की सत्ता से बाहर कर दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री पद पर सिद्धरमैया और शिवकुमार दोनों की दावेदारी मानी जा रही थी।
पिछले हफ्ते सरकार गठन से पहले पार्टी सूत्रों के हवाले से इस तरह की खबरें आई थी कि आलाकमान ने कर्नाटक में गतिरोध तोड़ने के लिए सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता बंटवारा या बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने की व्यवस्था कराई थी। इसी के तहत सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। पाटिल की टिप्पणी ने इस तरह की अटकलों को खारिज कर दिया कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ढाई साल के बाद या 2024 के लोकसभा चुनाव के पश्चात मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। पाटिल ने सोमवार शाम को कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।
बताते चलें कि मैसूर में पत्रकारों के साथ बातचीत में पाटिल ने दावा किया कि सीएम पद को लेकर सिद्दरमैया और शिवकुमार के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है। उन्होंने शिवकुमार के ढाई साल बाद या 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद सीएम के रूप में कार्यभार संभालने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कोई बात होती तो पार्टी हाईकमान जरूर इस बात की जानकारी देता।
शिवकुमार के भाई और बेंगलुरु ग्रामीण से सांसद डीके सुरेश ने खुले तौर पर पाटिल के बयान पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर आप पाटिल के बयान का जवाब चाहते हैं तो पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला से मिल सकते हैं, वे इस संबंध में बेहतर बता सकते हैं। सुरेश ने कहा कि कहने को तो मैं भी बहुत कुछ बोल सकता हूं, लेकिन मुझे अभी कुछ नहीं कहना है।