ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय सत्र में मस्जिद कमेटी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि न तो मुगल शासक औरंगजेब ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ का मंदिर तोड़ा था और न ही वो क्रूर था। इसके पहले 22 मई को दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति दाखिल करते हुए पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे करवाने का आग्रह किया था।
मस्जिद समिति ने हिंदू पक्ष की दलील में किए गए उस दावे का खंडन किया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि पुराने भगवान आदि विश्वेश्वर मंदिर पर मुस्लिम आक्रमणकारी ने हमला कर इसे नष्ट कर दिया था। इसके बाद राजा टोडरमल ने साल 158 में इसी स्थान पर मंदिर बनावाया था। इस मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट ने 7 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है।
इसके अलावा मस्जिद समिति ने बीते साल मिले शिवलिंग के खोज से भी इनकार किया है, जबकि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर अदालत की ओर से नियुक्त आयुक्त की निगरानी में शिवलिंग मिला था। मस्जिद समिति ने कहा कि वो वस्तु एक फव्वारा है। इसके अलावा मस्जिद समिति ने मुस्लिम शासकों को आक्रमणकारी कहने पर हिन्दू पक्ष की दलीलों पर आपत्ति जताई है। ये सिर्फ हिन्दूओं और मुस्लिमों के बीच नफरत फैलाने के उद्देश्य से कही गई है।