प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। वहीं अब उद्घाटन को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कहा कि संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों से होना चाहिए। इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी दल समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं। हालांकि कई गैर एनडीए दल उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। लेकिन कांग्रेस का पूरे मामले पर रवैया आश्चर्यजनक रहा है।
अब लगता है पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी खुद ही कन्फ्यूज है। जब से नई संसद का निर्माण शुरू हो और इसके लिए बजट पारित हुआ, उसके बाद से ही कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। कांग्रेस ने शुरुआत में कहा कि कोरोना काल में नई संसद का बनाना फिजूलखर्ची है।
हालांकि कांग्रेस यहीं तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके आगे राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए। इस मुद्दे पर विरोध अभी तक जारी है और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
वहीं जब यह सब कुछ हो गया तो सरकार ने ऐलान किया कि संसद में सेंगोल को स्थापित किया जाएगा। वहीं इसके बाद कांग्रेस ने सेंगोल को भी झूठा बता दिया। सेंगोल को लेकर कांग्रेस काफी सवाल खड़े कर रही हैं।