Voice Of The People

नए संसद भवन का आकार त्रिभुजाकार क्यों है? जानिए इसके पीछे की वजह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन किया और पूरे वैदिक विधि-विधान से पूजा और हवन करने के बाद नया संसद भवन देश की जनता को समर्पित किया।

पुराना संसद भवन गोलाकार है जबकि नया भवन तिकोना आकार का है, इसके पीछे धार्मिक महत्व छुपा हुआ है। नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार में इसलिए बनाया गया है क्योंकि यह त्रिकोणीय भूखंड पर बना है।

नई संसद के वास्तुकार बिमल पटेल ने मीडिया को बताया है कि नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार में इसलिए बनाया गया है क्योंकि यह त्रिकोणीय भूखंड पर बना है। यहां की भूमि गोलाकार या चौकोर नहीं है। वास्तुकार बिमल पटेल के मुताबिक इसका तिकोना होना देश के विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों को दर्शाता है। यह विभिन्न संस्कृतियों के लिहाज से अहम है।

नई संसद के लोकार्पण के बाद उसके हॉल में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। इसमें 12 धर्मों के प्रतिनिधियों ने पवित्र शब्द कहे और नई संसद के लिए प्रार्थना की। प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा अन्य गणमान्य सर्वधर्म प्रार्थना सभा में उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंगोल की पूजा की फिर सम्मान में अधीनम संतों के सामने साष्टांग हुए। इसके बाद संतों के नेतृत्व में सेंगोल को लेकर नई संसद भवन में दाखिल हुए। सेंगोल यानी राजदंड को उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लोकसभा में स्पीकर की चेयर के ठीक सामने स्थापित किया।

प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नई संसद में प्रवेश से पहले हवन अनुष्ठान किया, जिसे तमिलनाडु से आए अधीनम संतों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न कराया गया। लोकसभा कक्ष में स्थापित होने वाले सेंगोल की भी पूजा की। इसके बाद पीएम मोदी ने सेंगोल और अधीनम संतों का साष्टांग प्रणाम किया।

SHARE

Must Read

Latest