साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की थी। 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार शपथ ली थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 9 साल पूरे हो गए हैं। जहां एक तरफ दुनिया के बड़े बड़े देशों की अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार ऊपर की ओर बढ़ते जा रही है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए पिछले कुछ वर्ष बड़ी ही चुनौतीपूर्ण रहे हैैं, क्योंकि दनुिया भर की आर्थिक गतिविधियां कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष होने जैसी बड़़ी घटनाओं से उबर रही है। एक तरफ जहां दुनिया अपने पांव जमाने के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं दूसरी ओर भारतीय अर्थव्यवस्था नये पायदान पर चढ़ती जा रही है। वर्ल्ड बैंक ने वैश्विक आर्थिक विकास के मुद्दे पर व्यक्त किये गए अपने नवीनतम अनुमानों मेें भारत को दनुिया मेें सबसे तेज गति से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप मेें स्वीकार किया है।
इसका श्रेय कोविड महामारी के दौरान और उसके उत्तरोत्तर की आर्थिक नीतियों के प्रबंधन के लिए न केवल मोदी सरकार के समग्र दृष्टिकोण को दिया जा सकता है, बल्कि अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के उद्देश्य से वर्ष 2014 के बाद लगातार हो रहे प्रयासों को भी दिया जा सकता है। नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए संरचनात्मक सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पहले से बहुत मजबूत किया है और इसे कोविड महामारी के अभूतपूर्व प्रभावों का सामना करने के लिए भी सक्षम बनाया है।
भारत पहले मोबाइल फोन का एक बड़ा आयातक था, लेकिन अब एक वैश्विक केंद्र बन चुका है। साल 2014-15 में मोबाइल फोन का उत्पादन लगभग 60 मिलियन होता था, जो ‘बढ़कर वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 310 मिलियन हो गया है। मोदी सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को अपनी आर्थिक नीतियों का केंद्र बिंदु बनाया है। कोविड महामारी के दौरान सरकार की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना ने एक करोड़ से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहायता प्रदान की थी और उन्हें संभवतः स्थायी रूप से बंद होने से बचाया था।
एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन भी किया गया । श्रम तथा पर्यावरण कानूनों में परिवर्तन जैसे सुधारों ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को अपने कामकाज का विस्तार करने और विकास की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया है।
भारत, प्रधानमंत्री मोदी के गतिशील नेतृत्व में वित्त वर्ष 2021- 22 के दौरान 83.57 अरब अमरीकी डॉलर का अपना उच्चतम वार्षिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह प्राप्त करने के साथ ही एक पसंदीदा निवेश स्थल के रूप में उभर कर सामने आया है। मोदी सरकार ने भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने के साथ-साथ साल 2030 तक भारतीय उत्पादों एवं सेवाओं के निर्यात को 42 ट्रिलियन तक ले जाने के लिए एक नई विदेश व्यापार नीति की भी घोषणा की है। भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले नौ वर्षों के दौरान एक उल्लेखनीय परिवर्तन देखा गया है और इसका प्रभाव समाज के विभिन्न वर्गों के भीतर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।