कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार (30 मई) को अमेरिका के दौरे पर पहुंचे हैं। राहुल ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात कर उन्हें संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि यदि आप क्रोध, घृणा और अहंकार में विश्वास करते हैं, तो आप भाजपा की बैठक में बैठे होते और मैं ‘मन की बात’ कर रहा होता। अमेरिका में भारत का झंडा उठाने के लिए आपका धन्यवाद है।
राहुल गांधी ने कहा कि, नफरत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान खोलेंगे। मुसलमानों को लग रहा है कि उन पर ज्यादा हमले हो रहे हैं। लेकिन सिख, दलित, आदिवासी सभी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं। हर कोई पूछ रहा है कि क्या चल रहा है? मुसलमान इसे अधिक महसूस करते हैं क्योंकि उनकी ओर अधिक केंद्रित किया जा रहा है।
लेकिन हम नफरत को नफरत से नहीं हरा सकते। हम प्यार से नफरत को हटाएंगे। भारत नफरत में विश्वास नहीं रखता। मीडिया, एजेंसियों और प्रशासन पर नियंत्रण रखने वाले लोगों का एक छोटा समूह है, जो नफरत में विश्वास करता है। आज भारत में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, वही भारत में और खासकर उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ हो रहा है। लेकिन हम इसे चुनौती देंगे, इससे लड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल ने अपनी विदेश यात्रा पर कहा कि 80 के दशक में दलितों पर अत्याचार हुआ था, तब तो कांग्रेस की ही सरकार थी। अनुराग ठाकुर ने कहा शायद यही राहुल बताना चाह रहे थे कि उनकी सरकार में सिर्फ दलितों पर अत्याचार हो रहे थे, जबकि आज सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास इसी मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, राहुल गांधी की हर यात्रा में भारत का अपमान किया जाता है। इस बार की प्रायोजित विदेश यात्रा भी उसी दिशा में है, जहां वो अपमान तो पीएम मोदी का करना चाहते हैं, लेकिन अंत में देश का अपमान करने से नहीं हठते। उन्होंने आगे कहा कि अगर आप पहले के भी भाषण देखेंगे तो वह भारत को राष्ट्र ही मानते ही नहीं है, वो तो राज्यों का संघ कहते हैं। साथ ही वह भारत के बढ़ते कदमों पर भी प्रश्नचिह्न करते हैं।