राहुल गांधी गुरूवार को वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब पहुंचे थे। यहां उनसे कई सवाल पूछे गए। इस दौरान जब राहुल से केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के साथ कांग्रेस के गठबंधन के बारे में सवाल किया गया, तो राहुल ने कहा,’मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. इसमें कुछ भी नॉन सेक्युलर नहीं है.’
राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा,”जिन्ना की मुस्लिम लीग, जो पार्टी धार्मिक आधार पर भारत के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थी, वह राहुल के मुताबिक सेक्युलर पार्टी है. वायनाड में स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए यह उनकी मजबूरी है.’ बता दें, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग केरल की एक पार्टी है. वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ की पारंपरिक सहयोगी है.
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नई इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का भारत के चेन्नई में 10 मई, 1948 को गठन हुआ था. ये भारत में रजिस्टर्ड पार्टी है और केरल में एक प्रमुख पार्टी बनकर उभरी है. ओमन चांडी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में ये पार्टी शामिल थी. इसके कई नेता सरकार में मंत्री थे. पार्टी ने 2021 का केरल विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था. मौजूदा विधानसभा में इसके 15 विधायक हैं. वहीं, देश की संसद में इस पार्टी के चार सांसद हैं. इनमें से तीन लोकसभा और एक राज्यसभा के सदस्य हैं.
इस पार्टी के नाम में जरूर ‘मुस्लिम’ शब्द है. लेकिन, पार्टी नेता इसे धर्म निरपेक्ष बताते हैं. पार्टी में कई दलित, पिछड़ी जाति और आदिवासी समाज के नेता भी हैं. उत्तरी केरल में पार्टी की इन तबकों के बीच अच्छी खासी पहुंच भी मानी जाती है.