राष्ट्र सेविका समिति भारत की स्त्रियों की एक संस्था है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ही दर्शन के अनुरूप कार्य करती है, लेकीन यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला शाखा नहीं है।
रविवार 4 जून को दिल्ली के कृष्णानगर के राजगढ़ कॉलोनी में स्थित गीता बाल भारती विद्यालय में राष्ट्र सेविका समिति दिल्ली प्रांत ने शिक्षा वर्ग समापन समारोह अयोजित किया । जिसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम को
श्री मती चंद्रकांता( क्षेत्र कार्यवाहिक, श्री मती सुनीता भाटिया और श्री मती भारती खन्ना की देखरेख में संपन्न कराया गया।
श्री मती चंद्रकांता ने कहा समाज सुधार केवल पुरुषों को शक्तिशाली और चरित्रवान बनाने से ही नहीं होगा, महिलाओं को भी इसमें बराबरी से हिस्सा लेना होगा।
शाखा तो सिर्फ़ एक घंटे की होती है, पर बाकी के 23 घंटे हमारे दिमाग में शाखा चलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में लवजिहाद जैसी बुराई से बच्चियों और नई पीढ़ी का भविष्य खराब हो रहा है। ये एक बड़ी चुनौती है, जिसका मजबूती से सामना करना होगा। धर्मांतरण के माया जाल में उलझने के बजाए बच्चियों को उनके पैतृक धर्म से ही परिवार को संंस्कार देने होंगे। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति को चाहिए कि वह गर्भ में पलने वाले अभिमन्यु की तरह नई पीढ़ी को संस्कार दें।
राष्ट्र सेविका समिति का उत्तर भारत एवं भारतीय स्त्री शक्ति का दक्षिण भारत में खासा प्रभाव है। तय किया गया कि दोनों ही संगठनों के माध्यम से सेवा बस्ती में किए जाने वाले कार्यों का दायरा बढ़ाया जाए। इसके तहत महिलाओं के बीच संगोष्ठी, चर्चा, परिसंवाद एवं प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी।