राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर विभिन्न समुदायों को ओबीसी का दर्जा देने में तुष्टिकरण का आरोप लगाने के बाद अब बीजेपी ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधा, बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा की ‘ममता बनर्जी नीतीश कुमार की तरह ही ओबीसी विरोधी हैं. ठीक वैसे ही जैसे नीतीश कुमार, अशोक गहलोत और भगवंत मान, जिन्होंने ओबीसी को उनके आरक्षण के पूर्ण कोटे से वंचित कर दिया है।
अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा की ‘ममता बनर्जी ओबीसी विरोधी हैं। ठीक वैसे ही जैसे नीतीश कुमार, अशोक गहलोत और भगवंत मान, जिन्होंने ओबीसी को उनके आरक्षण के पूर्ण कोटे से वंचित कर दिया है।
आगे उन्होंने लिखा है ‘दाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल में, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC), जिसने 2018 में संवैधानिक दर्जा हासिल किया, उसने पाया कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी अप्रवासियों को OBC प्रमाणपत्र मिला है। आयोग ने यह भी पाया कि राज्य की ओबीसी सूची में 179 जातियों में से 118 जातियां मुस्लिम समुदाय से हैं।’
इसके आलावा उन्होंने आगे लिखा की ‘इसी तरह की विसंगतियां राजस्थान, बिहार और पंजाब में पाई गई हैं। क्या सामाजिक न्याय के ‘स्वयं नियुक्त’ चैंपियन बताएंगे कि उन्होंने ओबीसी के अधिकारों का हनन क्यों किया? सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की तुलना में तुष्टीकरण अधिक महत्वपूर्ण क्यों है? ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए।’
दरअसल राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने पश्चिम बंगाल में विभिन्न समुदायों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा देने में ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार को ‘विसंगति’ को जल्द से जल्द दूर करना चाहिए. अहीर ने यहां कहा कि पश्चिम बंगाल में 179 ओबीसी जातियों में से 118 मुस्लिम समुदाय से हैं.
पात्र लोगों को मिले आरक्षण, तुष्टीकरण के लिए नहीं : अहीर
एनसीबीसी प्रमुख नेकहा, ‘इतनी सारी मुस्लिम जातियों को ओबीसी का दर्जा देनेके पीछे तुष्टीकरण की राजनीति है.’ अहीर ने कहा कि आरक्षण पात्र लोगों के लिए होना चाहिए, न कि तुष्टीकरण की राजनीति के लिए. उन्होंने कहा कि वह किसी भी समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं.
बंगाल मेंओबीसी में शामिल 90% लोग मुस्लिम समाज के
उन्होंने कहा कि ओबीसी समुदायों को दो श्रेणियों मेंबांटा गया है: श्रेणी- ए और बी. उन्होंनेकहा कि श्रेणी-ए में अधिक संख्या में पिछड़ी जातियों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमेंसे 90 प्रतिशत मुस्लिम समाज की जातियां हैं. अहीर ने कहा कि श्रेणी-बी में 90 प्रतिशत हिंदू जातियां हैं और इस श्रेणी में कम लाभ हैं. उन्होंने कहा, ‘मामले की समीक्षा की गयी है और विसंगतियों से राज्य सरकार को अवगत कराया गया है.’