बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा की डॉक्टर संतोष मांझी के इस्तीफे से पता चलता है कि ‘महागठबंधन’ टूटने की कगार पर आ चुका है। लोग जानते हैं कि अब नीतीश कुमार और उनकी पार्टी का कोई भविष्य नहीं है। मांझी का समझौता राजद से नहीं, जदयू से था इसलिए उन्होंने साथ छोड़ा है।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के कारण जैसे ही राजद से हाथ मिलाया और सरकार बदल दी, वैसे ही दरभंगा एम्स सहित कई विकास परियोजनाओं पर ग्रहण लग गया। बदली सरकार में आरजेडी और जेडीयू के बीच दरभंगा एम्स का श्रेय लेने की होड़ मच गई है।
नीतीश कैबिनेट से इस्तीफे को लेकर डॉक्टर संतोष मांझी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया है। मेरे इस्तीफा देने की एक ही वजह है। विलय करने के लिए हमारे पास प्रस्ताव आया था। हमने अपने कार्यकर्ताओं, विधायकों और सभी से बात की तो सभी ने विलय के लिए मना कर दिया। विलय का प्रस्ताव जेडीयू की तरफ से आया था। हम जेडीयू की भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन हमारी पार्टी भी बनी है तो कुछ मुद्दों को लेकर बनी है, इसलिए बेहतर था कि हम संघर्ष का रास्ता चुनें, इसलिए हमने विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।
संतोष मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार के मनाने और समझाने की बात तो तब होती है जब आपका अस्तित्व रहे, इसलिए हमने पार्टी को चलाने के लिए अलग होने का फैसला लिया है, जब नीतीश कुमार से हमारी आखिरी मीटिंग हुई, उससे पहले भी हमारे सामने प्रस्ताव रखा गया था। संतोष मांझी ने कहा कि जब एक बार इस्तीफा दे दिया तो फिर वापस लेने की बात कहां है।