भारत सरकार ने राजधानी दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी (NMML) का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्कालय सोसायटी’ कर दिया है। सरकार के इस कदम पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कदम की तीखी आलोचना की है तो वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पलटवार किया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नेहरू स्मारक संग्रहालय का नाम बदले जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ”जिनका कोई इतिहास ही नहीं है वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार और लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता. इससे केवल बीजेपी-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है।”
Classic example of political indigestion- the inability to accept a simple fact that there are leaders beyond one dynasty who have served and built our nation. PM Sangrahalaya is an effort beyond politics and Congress lacks the vision to realise this. https://t.co/jmyNzJPB9a
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 16, 2023
वहीं खड़गे के ट्वीट का बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया। जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा, “‘राजनीतिक अपच का क्लासिक उदाहरण एक साधारण तथ्य को स्वीकार करने की असमर्थता है कि एक वंश से परे भी ऐसा नेता हैं जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और उसका निर्माण किया है। ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास इसका अहसास करने के लिए दृष्टि की कमी है।”
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक और ट्वीट में लिखा, ”इस मुद्दे पर कांग्रेस का रवैया विडंबनापूर्ण है क्योंकि उनकी पार्टी (Congress) का एकमात्र योगदान पिछले सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को मिटाना है ताकि सुनिश्चित हो सके कि सिर्फ एक परिवार की विरासत बची रहे। प्रधानमंत्री संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला है। पंडित नेहरू से जुड़े सेक्शन में बदलाव नहीं किया गया है। इसके उलट, इसकी प्रतिष्ठा बढ़ा दी गई है। एक ऐसी पार्टी जिसने 50 से ज्यादा वर्षों तक भारत पर राज किया, उनकी तंगदिली वाकई दुखद है। यही वजह है कि लोग उन्हें नकार रहे हैं।”