केंद्र ने हाल ही में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और सोसायटी करने का फैसला किया है। इसके बाद, कांग्रेस ने शुक्रवार को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलने के फैसले पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।
जिसके बाद, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया है कि, मेरे पिता पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी ने हमेशा राष्ट्रहित के लिए काम किया। उन्होंने कांग्रेस के साथ भी काम किया लेकिन उन्होंने कभी एक वंश से आगे नहीं देखा। अब, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के प्रधानमंत्रियों को सम्मानित किया, तो कांग्रेस उत्तेजित हो रही है। भयानक रवैया।
उन्होंने आगे लिखा कि, मैं सभी कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं- वे कितनी बार पीएम म्यूजियम गए हैं? सोनिया जी या राहुल जी कभी रहे हैं? इस तथ्य को स्वीकार करने में उनकी असमर्थता कि एक वंश से परे लोगों ने हमारे राष्ट्र का निर्माण किया है, विकृत है और इसकी स्पष्ट निंदा की जानी चाहिए।
आपको बता दे की केंद्र के इस फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया था कि, जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं ! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती।
My father, former PM Chandra Shekhar Ji always worked for national interest. He even worked with Congress but they NEVER looked beyond one dynasty. Now, when PM @narendramodi honoured Prime Ministers across party lines, Cong is getting getting agitated. Horrible attitude. https://t.co/CW8ozSH3Ol pic.twitter.com/JwT2qvn562
— Neeraj Shekhar (@MPNeerajShekhar) June 16, 2023
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार रखा था. NMML की कार्यकारी परिषद ने 25नवंबर 2016 को अपनी 162वीं बैठक में इसे मंजूरी दी थी. अब ये परियोजना पूरी हो गई और प्रधानमंत्री संग्रहालय 21 अप्रैल 2022 को जनता के लिए खोल दिया गया.