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आदिपुरुष के निर्माताओं ने मानी गलती, बदले जाएंगे डायलॉग

प्रभास की फिल्म ‘आदिपुरुष’ के लिए जनता शुक्रवार को खूब भीड़ पहुंची। रामायण की कहानी पर बेस्ड इस फिल्म का बड़े स्केल पर सभी को एक्साइट कर रहा था। लेकिन फिल्म के डायलॉग्स ने दर्शकों को काफी निराश किया।

रामायण की कहानी दिखने वाली फिल्म में कई डायलॉग आज की आम बोलचाल की भाषा में थे, जिसकी वजह से पहले दिन से ही फिल्म की खूब आलोचना हुई। अब मनोज मुंतशिर ने कहा है कि इसी हफ्ते फिल्म के विवादित डायलॉग बदले जाएंगे और उन्हें फिल्म में शामिल किया जाएगा।

‘आदिपुरुष’ के डायलॉग लिखने वाले राइटर मनोज मुंतशिर ने शनिवार को अपने डायलॉग्स के बचाव में कहा था कि ऐसी भाषा गलती से इस्तेमाल नहीं हुई, बल्कि ये जानबूझकर किया गया है ताकि यंग ऑडियंस रिलेट कर सके।

उन्होंने कहा कि भारत के कई कथावाचक इसी तरह की भाषा में कथा सुनाते आए हैं। मगर अब मनोज ने फिल्म के डायलॉग्स को लेकर ट्विटर पर एक लंबी पोस्ट शेयर की है। उन्होंने कहा कि जनता की भावना से बढ़कर उनके लिए कुछ भी नहीं है।

आदिपुरुष’ के डायलॉग से कई लोग इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने सोशल मीडिया पर मनोज मुंतशिर को ट्रोल करना शुरू कर दिया। इस बारे में भी अपनी शिकायत रखते हुए मनोज ने लिखा, ‘मेरे ही भाइयों ने मेरे लिए सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही मां को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई कि वो श्रीराम का दर्शन भूल गए जो हर मां को अपनी मां मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों। हो सकता है, 3 घंटे की फ़िल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया

अपने ट्वीट के अंत में मनोज ने लिखा कि वो अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकते हैं लेकिन उन्होंने फिल्म के मेकर्स और डायरेक्टर के साथ मिलकर तय किया है कि डायलॉग्स बदल दिए जाएं। उन्होंने दर्शकों से वादा करते हुए लिखा कि मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे। इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएंगे। श्रीराम आप सब पर कृपा करें!

आपको बता दें कि जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने अक्टूबर 2022 में ही बता दिया था कि शिवभक्त रावण को मुगलई तैमूर के जैसे दिखाया गया। वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण त्रिपुंड धारी था, जनेऊ धारी था बड़ी मुछे थी उसकी मगर जो इस फ़िल्म में दिखाया है वो मुग़लई रावण है।

प्रदीप भंडारी ने अक्टूबर 2020 में ही कहा था कि जब आप हिंदुओं के आस्था से जुड़े रामायण को बना रहे हैं और उसको बड़े पर्दे पर ला रहे हैं तो उसके मूल भाव को क्यों बदल रहे हैं। जब भी धर्म की बात होती है तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की बात होती है मगर इस फ़िल्म में उन्हें गुस्से और क्रोध के रूप में दिखाया गया है। रामायण कोई काल्पनिक फ़िल्म नहीं यह हमारे धर्म की बात है और जब 500 करोड़ की फ़िल्म बनाते वक्त इन बारीकियों का ख्याल नहीं रखा गया।

प्रदीप भंडारी ने क्या कहा था आप नीचे ट्वीट में देख सकते हैं:-

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