प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘कैच द रेन’ अभियान की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, ऐसे अभियान राज्य सरकार का एक अनिवार्य हिस्सा बनने चाहिए, जहां उनका वार्षिक मूल्यांकन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “बारिश का इंतजार करने के बजाय, बारिश से पहले सारी योजना बनाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से जल संरक्षण के विषय पर राज्यों के मंत्रियों के प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मेलन का विषय ‘वाटर विजन 2047’ है और फोरम का उद्देश्य सतत विकास और मानव विकास के लिए जल संसाधनों के दोहन के तरीकों पर चर्चा के लिए प्रमुख नीति निर्माताओं को एक साथ लाना है।
उन्होंने कहा जल सुरक्षा की दिशा में भारत द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्यों पर प्रकाश डालते हुए देश के जल मंत्रियों के प्रथम अखिल भारतीय सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय, राज्यों के नियंत्रण में आता है और जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास, देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में जनता को, सामाजिक संगठनों को, सिविल सोसाइटी को भी ज्यादा से ज्यादा साथ लेना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का उदाहरण देते हुए कहा, “जब लोग स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े तो जनता में भी एक चेतना जागृत हुई।” भारत के लोगों को उनके प्रयासों का श्रेय देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कई पहल की, चाहे वह गंदगी हटाने के लिए संसाधन एकत्र करना हो, विभिन्न जल शोधन संयंत्रों का निर्माण करना हो या शौचालयों का निर्माण करना हो, लेकिन इस अभियान की सफलता तब सुनिश्चित हुई जब जनता ने गंदगी को बिल्कुल हटाने का निर्णय लिया।
उन्होंने जल संरक्षण के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने और ऐसे प्रयासों में सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने ने जल संरक्षण के प्रयासों में महिलाओं को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि वे पानी के मूल्य को बेहतर ढंग से समझती हैं।