राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मणिपुर में जारी हिंसा के बीच शांति की अपील की है। संघ ने विस्थापितों और मणिपुर हिंसा के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाते हुए विश्वास के अभाव को दूर करने के प्रयास और बातचीत के जरिए समाधान खोजने की अपील की है। संघ ने नागरिक समाज, राजनीतिक समूहों और आम लोगों से सुरक्षा एवं स्थायी शांति के लिए आगे आने की अपील की है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने एक संदेश में कहा कि मणिपुर में पिछले 45 दिनों से लगातार हो रही हिंसा बेहद चिंताजनक है। 3 मई 2023 को चुराचांदपुर में लाई हराओबा उत्सव के समय आयोजित विरोध रैली के बाद मणिपुर में जो हिंसा और अनिश्चितता शुरू हुई, वह निंदनीय है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सदियों से आपसी सौहार्द और सहयोग से शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने वालों के मध्य में जो अशांति और हिंसा भड़क उठी, वह अभी तक नहीं रुकी है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में नफरत और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। आरएसएस ने कहा कि दोनों पक्षों को विश्वास की कमी को दूर करना चाहिए, जिससे वर्तमान संकट पैदा हुआ है और शांति बहाल करने के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस नागरिक समाज, राजनीतिक समूहों और मणिपुर की आम जनता से भी अपील करता है कि वे वर्तमान “अराजक और हिंसक स्थिति” को समाप्त करने के लिए हर संभव पहल करें।
बताते चलें कि सूत्रों के अनुसार महीने भर से ज़्यादा समय से मणिपुर में हिंसा और तनाव जारी है। अब तक 120 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं।इस दौरान घरों से लेकर चर्च तक आग के हवाले कर दिए गए।