बीजेपी की केंद्र सरकार ने साल 2014 में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत 24 मार्च तक दो करोड़ 32 लाख से अधिक पक्के मकान बने हैं जो की लगभग आस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या के बराबर है।
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना को 25 जून 2015 को लॉन्च किया गया था। यह आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय लागू करता है। इस योजना के जरिये आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग, निम्न आयवर्ग और मध्यम आयवर्ग के लोगों की आवास समस्या दूर करने की कोशिश की जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 लाख से कम कमाने वाला कोई भी व्यक्ति, जिसके पास कोई भी आवास न हो, वो इसका लाभ उठा सकता है। इस स्कीम में सरकार की तरफ से 2.50 लाख की मदद दी जाती है। इसमें पैसे 3 किस्त में दिए जाते हैं। इसमें पहली किस्त 50 हजार की। दूसरी किस्त 1.50 लाख की। वहीं तीसरी किस्त 50 हजार की दी जाती है।
बताते चलें कि आस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या भारत के एक बड़े शहर के बराबर है। साथ ही यह लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी, मेलबर्न, ब्रिस्बेन, पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश में स्थित है।
वर्तमान समय 2023 में ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या 26,237,413 है। यानी कि भारत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जितने लोगों के घर बनाए गए हैं उतनी आस्ट्रेलिया देश की लगभग कुल जनसंख्या है।
पीएम आवास योजना ने गरीबों और वंचित लोगों के जीवन में रौशनी का काम किया है। सरकार इस योजना के अंतर्गत बेघर लोगों को घर बनाकर देती है और साथ ही जो लोग घर या फ्लैट लोन पर खरीदना चाहते हैं उन्हें सरकार द्वारा सब्सिडी मिलती है जिससे उनको घर खरीदना आसान हो जाता है। इस योजना का लाभ बहुत बड़ी संख्या में लोग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 6.5 % की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सिर्फ 6 लाख रूपये तक के लोन पर उपलब्ध है। जिनकी वार्षिक आय 12 लाख है उनको 9 लाख रूपये तक के लोन पर 4% ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलेगा। और जिनकी वार्षिक आय 18 लाख है उनको 12 लाख का लोन 3% ब्याज सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। पहले इस होम लोन की रकम 3 से 6 लाख थी जिसे अब बढ़ाकर 18 लाख रूपये ब्याज सब्सिडी के साथ कर दिया गया है।