बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों के नेताओं की आज बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति भी बनेगी। माना जा रहा है कि विपक्षी एकता के मद्देनजर ये बैठक काफी महत्वपूर्ण होने वाली है। विपक्षी नेताओं की बैठक के लिए कई बड़े नेता पटना पहुंच चुके हैं।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला पटना पहुंच चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी शुक्रवार सुबह पटना पहुंचें।
वहीं बीते गुरुवार को मायावती ने ट्वीट कर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि देश महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक उन्माद-हिंसा आदि से ग्रस्त है। यहां बहुजन के त्रस्त हालात से स्पष्ट है कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों के पास नहीं है।
मायावती ने आगे लिखा कि अब लोकसभा आम चुनाव के पूर्व विपक्षी पार्टियां जिन मुद्दों को मिलकर उठा रही हैं और ऐसे में नीतीश कुमार द्वारा कल 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना में बैठक की जा रही है, ये ‘दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है।
अब देखने वाली बात होगी की आज होने वाली इस विपक्ष की महाबैठक के क्या परीणाम निकल के सामने आते हैं।