पाकिस्तान में लगातार सिख समुदाय के अल्पसंख्यकों पर हमले होने की खबर आम होती जा रही है। शनिवार शाम को पेशावर शहर में एक पाकिस्तानी सिख दुकानदार मनमोहन सिंह की अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
इससे पहले शुक्रवार (23 जून) को एक दुकानदार तरलोक सिंह को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी। हालांकि, उनकी जान बच गई थी। मृतक मनमोहन सिंह की राशिदगढ़ी में किराने की दुकान थी। वह अपने परिवार के एकलौते कमाने वाले थे। मनमोहन अपनी दुकान में ताला लगाकर घर जा रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार हमलावरों ने उनपर गोली दाग दी। जिससे मौके पर ही उनकी जान चली गई।
पेशावर के रहने वाले धार्मिक और सामाजिक कार्यकर्ता बाबा जी गुरपाल सिंह ने कहा कि, पेशावर के रहने वाले करीब 7,000 सिखों में से एक बड़ी आबादी ने अपनी जान बचाने के लिए पलायन करना शुरू कर दिया है और वो भागकर पाकिस्तान के भीतर ननकाना साहिब और लाहौर जैसे अन्य शहरों में बस रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह प्रवास पेशावर में सिख समुदाय की सुरक्षा और भलाई के लिए बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है, जो कुछ लोगों को देश के अन्य क्षेत्रों में शरण लेने के लिए प्रेरित कर रहा है।” उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा।
यूनाइटेड सिख्स ने कहा कि ‘हम पाकिस्तान में सिख पुरुषों पर इन लक्षित हमलों से भयभीत हैं। ये हमले न सिर्फ भयावह हैं, बल्कि मानवाधिकारों का भी उल्लंघन हैं। हम पाकिस्तानी सरकार से इन हमलों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान करते हैं।’