पटना में 23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मेजबानी में विपक्षी दलों के बीच बैठक हुई, जिसमें 15 विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक का उद्देश्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले दमदार विपक्ष तैयार करना था।
केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, विपक्ष के पास मोदी जी को गाली देने के अलावा विरोध करने के लिए और कोई मुद्दा नहीं है । देश के गरीब वर्ग देश के वंचित और अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़े वर्ग आज चट्टान की तरह प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ खड़े हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, विपक्ष पार्टी को 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कोई भी रास्ता नहीं सूझ रहा है। केवल मोदी जी को गाली देना उन पर व्यक्तिगत लांछन लगाना क्योंकि मोदी जी सामंतवादी सामंतवादी मनुकृति के खिलाफ है। यह परिवारवाद वाली पार्टी, भ्रष्टाचार वाली पार्टी सब लोग एक अनोखा क्लब है यह फोटो उठाते रहेंगे लेकिन गरीबों का आशीर्वाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर है।
आपको बता दे की, इस मीटिंग में नीतीश कुमार और लालू यादव के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे, हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उद्धव ठाकरे जैसे कई कद्दावर नेताओं शामिल हुए थे।