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UCC को लेकर संसदीय समिति ने लॉ कमीशन को 3 जुलाई को मीटिंग के लिए बुलाया, जानिए विपक्ष ने क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल में दिए गए बयान के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) पर नई बहस छिड़ गई है. लॉ कमिशन ने इस पर लोगों से 15 जुलाई तक राय मांगी है. दूसरी ओर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कांग्रेस, डीएमके समेत कई दल इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच कानून और न्याय की संसदीय समिति ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर 3 जुलाई को बैठक बुलाई है. संसदीय समिति बैठक की अध्यक्षता सुशील मोदी करेंगे. मीटिंग में विधि आयोग और कमेटी के अन्य मेंबर्स को बुलाया गया है.

इस मीटिंग के लिए संसदीय समिति ने विधि आयोग, कानूनी मामलों के विभाग और विधायी विभाग के प्रतिनिधियों को बुलाया है. 14 जून को विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता पर आम लोगों से सुझाव मांगने के मुद्दे पर इन तीनों विभागों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है. सोमवार 3 जुलाई को दोपहर 3 बजे होगी संसदीय समिति की बैठक होनी है.

UCC पर पीएम मोदी ने क्या कहा था?

पीएम मोदी ने भोपाल में ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कैंपेने के तहत यूसीसी पर बयान दिया था. उन्होंने कहा कि वर्तमान में यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो, तो वो घर नहीं चल पाएगा. ऐसे में दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है. सुप्रीम कोर्ट भी कह रही है कि कॉमन सिविल कोड लाओ.

UCC के समर्थन और विरोध में कौन हैं?

UCC मुख्य रूप से बीजेपी के चुनाव घोषणा-पत्रों में शामिल रहा है. उत्तराखंड जैसे राज्य अपनी समान नागरिक संहिता तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. गोवा में पहले से यह लागू है. आम आदमी पार्टी ने इसका समर्थन किया है. उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट ने कहा कि हम UCC का समर्थन करते हैं, लेकिन हम सरकार से स्पष्टीकरण भी चाहते हैं. एनसीपी ने कहा कि हम ना तो UCC का समर्थन करते हैं और न ही उसका विरोध. जनता और इससे जुड़े वर्गों के बीच इस पर चर्चा की जरूरत है.

कांग्रेस ने कहा- UCC का मुद्दा उछालकर भटकाने की कोशिश

लॉ कमीशन ने 14 जून को राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर यूसीसी पर एक नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की थी. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कहा है कि पीएम ने बेरोजगारी, महंगाई और मणिपुर हिंसा के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ही यूसीसी का मुद्दा उठाया है. कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये सभी ध्यान भटकाने वाले मुद्दे हैं. वह देश के वास्तविक मुद्दों से भागना चाहते हैं, इसलिए वे केवल मुद्दों को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा कि क्या यूसीसी के नाम पर देश की बहुलवाद और विविधता “छीन” जाएगी.

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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