राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के आईएसआईएस साजिश मामले में नौ लोगों के खिलाफ अपनी पहली चार्जशीट दायर की. एनआईए ने अपने आरोप पत्र में कहा कि आरोपी भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए रोबोटिक्स कोर्स करने वाले थे. एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) की साजिश के तहत भारत में आतंक और हिंसा की घटनाओं को अंजाम देने के लिए और लोगों में दहशत फैलाने के लिए कई स्थानों की टोह ली. संपत्तियों और वाहनों में आगजनी करने के अलावा शिवमोग्गा में एक परीक्षण के तौर पर आईईडी विस्फोट किया था.
शनिवार को NIA की तरफ से दायर चार्जशीट में आरोपियों की पहचान मोहम्मद शारिक (25), माज मुनीर अहमद (23), सैयद यासीन (22), रीशान थाजुद्दीन शेख (22), हुजैर फरहान बेग (22), माजिन अब्दुल रहमान (22), नदीम के रूप में की गई है. अहमद (22), ज़बीउल्ला (32) और नदीम फैज़ल एन (27)। ये सभी कर्नाटक के हैं.जांच एजेंसी ने कहा, आतंकियों पर UAPA 1967, भारतीय दंड संहिता और केएस प्रिविन्शन और संपत्ति हानि निवारण अधिनियम, 1981 के तहत आरोप लगाए गए हैं. माज़ मुनीर अहमद और सैयद यासीन पर पहले भी इस साल मार्च में आरोपपत्र दाखिल किया गया था और अब उन पर अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया है.
नौ आरोपियों में से माज़ मुनीर अहमद, सैयद यासीन, रीशान थाजुद्दीन शेख, माजिन अब्दुल रहमान और नदीम अहमद केए ने मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.इसमें कहा गया है, उन्हें विदेश स्थित आईएसआईएस हैंडलर द्वारा भारत के लिए ISIS के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कौशल हासिल करने के लिए रोबोटिक्स कोर्स करने का काम सौंपा गया था. एनआईए की जांच से पता चला है कि मोहम्मद शारिक, माज़ मुनीर अहमद और सैयद यासीन ने क्षेत्र में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ISIS के निर्देश पर आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए विदेश स्थित आईएस गुर्गों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची थी. तीनों ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता और संप्रभुता को भंग करने के इरादे से सह-अभियुक्तों को सक्रिय रूप से कट्टरपंथी बनाया और भर्ती किया था.एनआईए की जांच के अनुसार, उनके ऑनलाइन हैंडलर ने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से आरोपियों को पेमेंट की थी. मामला शुरू में 19 सितंबर 2022 को शिवमोग्गा ग्रामीण पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, और बाद में 15 नवंबर 2022 को एनआईए द्वारा इसे अपने कब्जे में ले लिया गया और फिर से दर्ज किया गया. मामले में आगे की जांच चल रही है.