प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार (27 जून) को मध्य प्रदेश के भोपाल में समान नागरिक संहिता पर दिए बयान के बाद यह मुद्दा गरमाया हुआ है, अब इस मुद्दे पर नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि समान नागरिक संहिता भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है।
संगमा ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता भारत के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि हमारा देश विविधता में एकता वाला एक विविध राष्ट्र है।
मैं एक पार्टी के दृष्टिकोण से बात कर रहा हूं, “एनपीपी के अनुसार समान नागरिक संहिता, भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है। भारत एक विविधतापूर्ण देश है और विविधता ही हमारी ताकत है।”
उन्होंने कहा, “हम एक मातृसत्तात्मक समाज हैं और यही हमारी ताकत और संस्कृति है जिसे अब हमारे लिए बदला नहीं जा सकता है। एक राजनीतिक दल के रूप में हमें एहसास है कि वास्तव में पूरे उत्तर पूर्व में हमारे समाज की अनूठी संस्कृति और तौर-तरीके हैं और हम चाहते हैं कि वह बना रहे और हम नहीं चाहेंगे कि उसे छुआ जाए।”
मेघालय की एक अनूठी संस्कृति और समाज है। यहां के लोग ऐसे ही रहना चाहेंगे।’ उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मेघालय एक मातृसत्तात्मक समाज हैं, यही हमारी ताकत रही है और यही हमारी संस्कृति रही है। हम नहीं चाहेंगे कि इसे बदला जाए। यूसीसी ड्राफ्ट की वास्तविक सामग्री को देखे बिना विवरण में जाना मुश्किल होगा।