लोकसभा चुनाव 2024 से पहले महाराष्ट्र का सियासी हेर फेर हो रहा हैं। बीजेपी अपने पार्टनर शिवसेना (शिंदे गुट) को ताकतवर बना रही है। केंद्र में शिंदे समर्थक सांसद मंत्री बनेंगे और राज्य में शिवसेना (यूबीटी) के नेता शिंदे के साथ आ रहे हैं। शनिवार को उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबी राहुल कनाल भी शिवसेना ( शिंदे गुट) में शामिल हो रहे हैं। राहुल कनाल का जाना आदित्य ठाकरे के लिए पर्सनल झटके से कम नहीं है। राहुल उन नेताओं में शुमार रहे हैं, जिनके लिए ठाकरे परिवार ने केंद्रीय एजेंसी की आलोचना की थी।
राहुल कनाल ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान की मौत की जांच की मांग की।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कनाल ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि उन्होंने पाला बदल लिया क्योंकि मौजूदा सरकार ने दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामलों में जांच शुरू कर दी हैं।
उन्होंने कहा कि, “अगर मेरा नाम सामने आए तो आप मुझे जूतों से मार सकते हैं। विस्तृत जांच की जरूरत है और मैं इसके लिए कहीं भी जा सकता हूं,”।
“अगर 10 साल का बच्चा आज तिरंगा फहराता है तो अगले 60-70 वर्ष तक तिरंगे का सम्मान करेगा। यही है ‘हर घर तिरंगा’ का उद्देश्य…”
-श्री @blsanthosh जी, राष्ट्रीय संघटन महामंत्री- @BJP4India #HulDiwasWithMHI @Sunil_Deodhar @AshaLakra79 @iSinghApurva @PoddarVaishali @MODIfiedVikas… pic.twitter.com/hwHfvdN9QV
— My Home India (@MyHomeIndia) July 1, 2023
आपको बता दे कि, कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने एक इंटरव्यू में कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच अभी भी चल रही है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सभी कोणों से मामले की जांच कर रही है। फड़नवीस ने सालियान के मामले के बारे में भी बात की और कहा कि पुलिस अभी भी बयान दर्ज कर रही है और जांच बंद नहीं की गई है।
युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने से आदित्य ठाकरे को बीएमसी चुनाव में कड़ी चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। उनके पुराने वफादार शिंदे गुट की ओर से राजनीतिक प्रहार करेंगे, इसका तोड़ तत्काल ढूंढ पाना आसान नहीं है। दूसरी ओर शिंदे गुट में बड़े नेताओं की मौजूदगी भी चुनावों में आदित्य ठाकरे को चैलेंज बढ़ेगा। अगर बीएमसी चुनाव में आदित्य खुद को साबित नहीं कर पाए तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 और लोकसभा चुनाव में असर दिखेगा।