फ्रांस में सरकार के सुरक्षा इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं और नौवें दिन भी दंगा बेकाबू में नहीं है. फ्रांस की राजधानी पेरिस में पुलिस ने एक 17 साल के नाबालिग को गोली मार दी, जिसके बाद फ्रांस के कई जगहों पर उपद्रवियों ने खूब उतपात मचाया.
इलाकों से अब तक 1300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. 45 हजार सुरक्षाकर्मी दंगों को रोकने के लिए तैनात किये गए हैं, लेकिन हालात अभी तक काबू से बाहर हैं. ऐसे में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के लिए एक गंभीर संकट पैदा हो गया है, ठीक उसी समय जब वह अपने दूसरे जनादेश के साथ आगे बढ़ना चाह रहे थे.
राष्ट्रपति मैक्रों अपने विवादास्पद पेंशन सुधार पर लगभग छह महीने तक चले विरोध प्रदर्शन पर आखिरकार किसी तरह से काबू पाने में सफल हुए थे. ये अधिकांश समय फ्रांस के घरेलू एजेंडे पर हावी रहा था. इसके तुरंत बाद ताजा हिंसा भड़क उठी है. देश भर में दुकानों में तोड़फोड़ और जलाई गई बसों की तस्वीरें भी मैक्रों की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करने वाली साबित हुई हैं.
न्यूज एजेंसी एएफपी के एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस में दंगे ऐसे समय में भड़के हैं, जब मैक्रों पिछले एक साल से ज्यादा चल रहे यूक्रेन और रूस युद्ध को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं. दरअसल, मैक्रों खुद को यूरोप के नंबर एक पावरब्रोकर के रूप में देखे जाने इच्छा रखते हैं. लेकिन देश में जारी दंगों के बीच मैक्रों की ये इच्छाएं पूरी होना संभव नजर नहीं आ रहा है.