पिछले महीने बिहार की राजधानी पटना में नीतीश कुमार ने एक बैठक बुलाई जिसमें कई दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की चीफ ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया। अब विपक्ष को लेकर उनकी पार्टी के सांसद ने एक बयान दिया है जिसके विपक्षी पार्टियों को झटका लगा हैं।
ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी सौगत रॉय ने कहा, “हम नहीं चाहते कि विपक्षी एकता का प्रभाव (पश्चिम बंगाल में) पड़े। टीएमसी अकेले ही बंगाल में संसदीय चुनाव लड़ने में सक्षम है और हमें विपक्षी एकता की जरूरत नहीं है”। विशेष रूप से, रॉय का दावा विपक्षी एकता की अवधारणा को चुनौती देता है और सुझाव देता है कि टीएमसी को इसकी जरूरत नहीं दिखती है बंगाल में अन्य दलों के साथ सहयोग के लिए।
दिलचस्प बात यह है कि इस बयान से कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई-एम) और कांग्रेस पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए, बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा, सीपीआई (एम) और कांग्रेस राज्य में एक साथ काम कर रहे हैं और उन्हें हराने की कसम खाई है।