गोधरा दंगों के मामले में गवाहों को प्रभावित करने के आरोप में गुजरात हाईकोर्ट से शनिवार सुबह 11 बजे रेगुलर जमानत याचिका खारिज होने के तुरंत बाद तीस्ता सीतलवाड़ ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शनिवार देर रात तक चली सुनवाई मे सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच से तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम राहत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने एक सप्ताह तक के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया।
आइए जानते हैं सोशल मीडिया पर इस मामले में क्या चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने कहा कि हाई कोर्ट ज्यादातर 4 हफ़्तों का समय देता है किसी को आत्मसमर्पण करने के लिए। गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को तत्काल आत्मसमर्पण के लिए बोला। सुप्रीम कोर्ट ने भी सही तरीके से 1 हफ्ते का समय दे दिया। इस आदेश से मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मेरी शिकायत बस यही है कि उसे छुट्टी के दिन सुनवाई के दो मौके कैसे मिल गए?
वहीं बीजेपी नेता प्रीति गांधी ने एक मीम पोस्ट किया जिसमें उन्होंने तीस्ता सीतलवाड़ के फोटो के साथ कहा कि सरकार उनकी है तो क्या, सिस्टम तो हमारा है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड को एक्सप्रेस स्पीड से 2 सुनवाई मिलती है, याकूब के लिए कोर्ट रात 2 बजे खुलता है और भ्रष्ट घोटालेबाजों को सुप्रीम कोर्ट तक तुरंत पहुंच मिल जाती है, लेकिन सामान्य मुकदमे दशकों तक धैर्यपूर्वक इंतजार करते हैं। फिर भी, राहुल बाबा के अनुसार न्यायपालिका पर भाजपा का नियंत्रण है।
मोनिका वर्मा नामक ट्विटर यूजर ने कहा कि ऐसे देश में जहां हजारों विचाराधीन कैदी जेल में बंद हैं और कई तो बिना अदालती सुनवाई के मर भी गए हैं, राणा अय्यूब जैसे धोखेबाजों और तीस्ता सीतलवाड जैसे झूठे लोगों को तत्काल सुनवाई मिल रही है। न्याय का कैसा उपहास है।
जयेश मेहता नाम के यूजर ने लिखा कि वीवीवीआईपी के लिए एक्सप्रेस न्याय। 3 सितंबर को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने तीस्ता सीतलवाड को अंतरिम जमानत दे दी। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात उच्च न्यायालय से उसकी नियमित जमानत की अर्जी पर गुण-दोष के आधार पर विचार करने को भी कहा। 1 जुलाई को दोपहर 1:22 बजे, गुजरात उच्च न्यायालय ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। रात 10:08 बजे तक सुप्रीम कोर्ट ने फिर से तीस्ता सीतलवाड को एक हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी..
वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि गुजरात पुलिस द्वारा पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण मामले में तीस्ता सीतलवाड की जमानत को खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के हास्यास्पद आदेश पर रोक लगाने के लिए रात में एक विशेष पीठ बुलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को बधाई।