शनिवार को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई में 10 लोगों की जान जाने की खबर है। हालांकि कई मीडिया हाउस मृतकों की संख्या 18 तक भी बता रहे हैं। हिंसा की घटनाओं के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने आज एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जिन जगहों पर केंद्रीय बलों की तैनाती थी, वहां किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
संवेदनशील इलाकों की सूची ही नहीं दी गईः बीएसएफ
रविवार को बीएसएफ के उप महानिरीक्षक एसएस गुलेरिया ने एएनआई से बात करते हुए बताया कि केंद्रीय सुरक्षा बल को संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर कर्मियों को तैनात करने के लिए पहले से कोई सूची ही नहीं दी गई थी।
राज्य चुनाव आयोग पर भी उठे सवाल
गुलेरिया ने कहा कि “बीएसएफ ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा था, लेकिन 7 जून को छोड़कर उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि अगर संवेदनशील इलाकों की सूचना पहले मिलती तो हिंसा से ये हाल नहीं होता।
गुलेरिया ने कहा, “चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से सीएपीएफ और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां भेजी गई थीं। लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया।”
पंचायत चुनाव में हिंसा के साथ हुई धांधली
बता दें कि बीते दिन रविवार को 20 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भयंकर हिंसा, बैलेट बॉक्स की लूट और धांधली सामने आई थी।
पंचायत चुनाव के पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं। साथ ही कई घायल हो गए। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें भी सामने आईं हैं।