पंचायत चुनाव के दिन पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा पर कोर्ट की तमाम हिदायतों के बावजूद पंचायत चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। जगह जगह बमबाजी, आगजनी, गोली कांड शुरू होते देर नहीं लगी, जिसकी वजह से कम से कम 18 लोगों की जान चली गई।शनिवार को पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा के बाद अभी भी हिंसा का माहौल बना हुआ है। वोटिंग के पहले शुरू हुई हिंसा के चलते राज्य में मरने वालों की 20 पहुंच गई है। वहीं, चुनाव के ऐलान के बाद से अब तक 39 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। हिंसा को लेकर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, चुनाव के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि उन्हें संवेदनशील बूथों के बारे में जानकारी नहीं दी गई।
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने चुनाव के दौरान हुई हिंसा में पीड़ित लोगों से बात की। वहीं लोगों ने बीजेपी बंगाल अध्यक्ष से आपबीती बताई। इस दौरान बीजेपी नेता की पुलिस कर्मियों के संग तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली।
बता दें कि, मतदान के कुछ ही घंटों के भीतर आरोप लगने लगे कि बंगाल की पंचायतें तमाशा बनकर रह गई हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर शिकायत की, ”क्या बंगाल के किसी भी चुनाव में हत्या, अराजकता से ममता बनर्जी का दिल नहीं भरता? उनका क्या दायित्व है। बंगाल में वोट की घोषणा का मतलब है “लोकतंत्र की हत्या” की शुरुआत है।”
पार्टी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। पहले से जानकारी होने के बावजूद तृणमूल सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। दरअसल, उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार छीनने के लिए आयोग और सरकार चुप रही।