ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले में राहत नहीं मिली है। पश्चिम बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाले में आरोपी अभिषेक बनर्जी ईडी की पूछताछ में आनाकानी कर रहे थे। इसके साथ ही पेशी की तारीख पर बनर्जी ने यात्रा और पंचायत चुनाव के बिजी शेड्यूल का हवाला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद एक बार फिर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभिषेक बनर्जी चाहें तो मामला निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल कर सकते हैं, लेकिन सीबीआई और ईडी की जांच पर रोक लगाना इसका कोई हल नहीं है और न ही ऐसा किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह मामले की जांच में बाधा नहीं डाल सकता है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने बनर्जी को कानून के तहत उपलब्ध उपचारात्मक कदम उठाने की अनुमति दी लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय के 18 मई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
बताते चलें कि केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय पहले ही कुंतल घोष के पत्र की बुनियाद पर अभिषेक को पूछताछ के लिए बुला चुकी है। टीएमसी की नबज्बार यात्रा के दौरान अभिषेक को दोबारा तलब किया गया था, मगर वो पूछताछ में शामिल होने के लिए नहीं गये थे।