हिमाचल प्रदेश में रैड अलर्ट के बीच शनिवार रात्रि व रविवार सुबह से हुई बारिश ने प्रदेश में खूब तबाही मचाई। जहां 17 लोगों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े हैं, वहीं 2 दिनों की इस भारी वर्षा ने 240 करोड़ की संपत्ति को नुक्सान पहुंचाया है। कई जगहों पर बादल फटे, भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हुए और एक दर्जन पुल बह गए हैं, वहीं लाहौल-स्पीति में बर्फबारी हुई, जबकि प्रदेश के पहाड़ी, मैदानी व मध्यम इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई है।
पूरे राज्य में कुल 6 हाईवे के अलावा 765 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं। उधर, लाहौल-स्पीति के चंद्रताल में लैंडस्लाइड के बाद सड़क बंद होने से 200 लोग फंस गए। जिला प्रशासन ने इनके सुरक्षित होने का दावा किया है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को यैलो अलर्ट रहेगा, जबकि मंगलवार से मानसून धीमा होगा, जिससे लोगों को राहत मिलने की संभावना है।
कुल्लू की खराहल घाटी के बुरगणी नाला और लगघाटी की डुघीलग खणीपांद में बादल फटने से प्लम, जापानी फल और उपजाऊ भूमि को नुकसान हुआ है। जलस्तर कम होने से ब्यास में नौ शव मिले हैं। सेऊबाग में चार, भुंतर और जिया में दो-दो और टलोगी में एक शव बरामद हुआ है। जिले के मनाली, मणिकर्ण और बंजार घाटी में 17,000 पर्यटक अभी भी फंसे हैं।
हिमाचल प्रदेश पुलिस की कार्यकारी महानिदेशक सतवंत अटवाल ने बताया कि मानसून में अभी तक हिमाचल प्रदेश में 80 लोगों की मौत हो चुकी है, इसमें सड़क हादसों के कारण होने वाली मौतें भी शामिल हैं। 470 पालतू पशुओं की मौत हुई है। अभी तक मानसून 100 मकानों को पूरी तरह से ध्वस्थ कर चुकी है। जबकि 350 मकानों को नुकसान हुआ है। दस लोग अभी भी लापता हैं जिनका पता लगाया जा रहा है।