भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो चार साल बाद एक बार फिर से शुक्रवार को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे मिशन के लिए तैयार है।
बताते चलें कि मिशन के तहत 43.5 मीटर लंबा रॉकेट 14 जुलाई को दोपहर दो बज कर 35 मिनट पर दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाना है। जिसकी उल्टी गिनती गुरुवार से शुरू हो सकती है। सबसे लंबे और भारी LVM-3 रॉकेट की भारी भरकम सामान ले जाने की क्षमता की वजह से इसरो के वैज्ञानिक उसे फैट बॉय भी कहते हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रणोदन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है।
चंद्रयान -2 पेलोड का वजन लगभग 3.8 टन था, ऑर्बिटर का वजन 2,379 किलोग्राम था, विक्रम लैंडर का वजन 1,444 किलोग्राम (प्रज्ञान रोवर 27 किलोग्राम सहित) था।
इसरो चांद पर यान की साफ्ट लैंडिंग कराने (सुरक्षित तरीके से उतारने) के मिशन में अगर सफल हो जाता है तो अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद इस सूची में शामिल होने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा।