इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 के टेक ऑफ में बस अब कुछ ही घंटों का वक्त बचा है। शक्रुवार को चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा लॉन्च स्टेशन से 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च होगा जो की 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा। अगर ये मिशन सफल होता है तो ये भारतीय स्पेस एजेंसी के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी। अब तक सिर्फ तीन ही देश ये कारनामा कर पाए हैं, जिनमे अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं।
अब तक कितना खर्च
इस बार चंद्रयान-3 सबसे ज्यादा चर्चा में है अपने बजट को लेकर। आपको बता दें की चंद्रयान 3 का बजट चंद्रयान 2 से भी करीब 30 प्रतिशत कम है।
इसरो ने चंद्रयान-3 के में शुरआती बजट के लिए 600 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया था। जो की थोड़ी सा बढ़कर 615 करोड़ रुपए हो गया। ये रकम चंद्रयान 3 की अंतिम लागत है। अगर इस बजट की तुलना अमेरिका के मून मिशन से की जाए तो उसकी कीमत 825 लाख करोड़ थी, जिसके मुकाबले भारत का मून मिशन कई सौ गुना सस्ता है। चीन के चांग E-4 मून मिशन की बात की जाए तो उसकी लागत 69.38 लाख करोड़ रुपए थी। आपको बता दें कि भारत का चंद्रयान-3 मिशन एवेंजर मूवी से भी सस्ता है। एवेंजर एंडगेम की कुल लागत 2443 करोड़ रुपए थी, जितनी लागत में भारत 3 मून मिशन भेज सकता है।
खासबात ये है की चंद्रयान 3 के ज्यादातर पार्ट स्वदेशी टेक्नोलॉजी से भारत में ही बने हुए हैं। इसरो इस मिशन के लिए इस बार “FatBoy” LVM3 – M4 रॉकेट की मदद ले रहा है। इस बार इस मिशन में ऑर्बिटर नहीं इसलिए भी इसकी लागत में कमी आई है। इस बार ऑर्बिटर की जगह इसरो ने इसमें प्रोपल्शन मॉड्यूल का प्रयोग किया है, जो रोवर के संदेश को भारत तक पहुंचने का काम करेगा।