सोमवार को प्रदीप भंडारी ने सेवा शारदा कमेटी के फाउंडर रविंद्र पंडित से मुलाकात की। रविंद्र पंडित जो कि सेवा शारदा कमेटी के फाउंडर हैं, और PoK स्थित शारदा महाशक्ति पीठ में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दिए जाने को लेकर अथक प्रयास कर रहे हैं। ये उनके प्रयासों का ही असर है की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के माध्यम से आज तक PoK स्थित शारदा महाशक्ति पीठ को अतिक्रमण से बचाए रखा गया है। आपको बता दें की Pok के टीटवाल स्थित शारदा मंदिर को 1947 में जला दिया गया था, और अब इसका पुनर्निर्माण किया गया है।
प्रदीप भंडारी से मुलाकात के बाद रविंद्र पंडित ने उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हुए ट्वीट भी किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा की “2 दशक लंबे मुद्दे को उजागर करने के लिए प्रदीप भंडारी जी को धन्यवाद। सुप्रीम कोर्ट के पीओके आदेश के बाद, हमने सर्वज्ञ पीठ की पवित्रता बनाए रखने के लिए उनके डीजी पुरातत्व और पर्यटन विभाग से भी आदेश प्राप्त किया। एलओसी के पार हमारा नागरिक समाज इस मिशन पर मिलकर काम कर रहा है, जो हमारे दिलों के बहुत करीब है। मां शारदा हम सभी को आशीर्वाद दें।
My book titled 'Sharda- quest for shared heritage ' is based on my struggle particularly last 1 decade. The book is on Amazon and it's preface is by a PoK based researcher & activist Tanveer Ahmed.
Many books on Sharda on both sides of divide give a ground zero experiences rather… pic.twitter.com/o8bjoW5Sto— Ravinder Pandita(Save Sharda) (@panditaAPMCC63) July 17, 2023
इससे पहले प्रदीप भंडारी ने इस मुलाकात के बाद एक ट्वीट किया जिसमे उन्होंने रविंद्र पंडित के काम और PoK स्थित शारदा महाशक्ति पीठ पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा “मुझे आज दिल्ली में अपने मित्र रवींद्र पंडित से मिलकर खुशी हुई। वह यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं कि हिंदुओं को Pok में स्थित शारदा महाशक्तिपीठ में दर्शन करने को मिले। यह उनके निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है कि PoK पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के माध्यम से शारदा महाशक्तिपीठ को अतिक्रमण से बचाया गया है। उनके समर्पण ने एलओसी पर टीटवाल स्थित उसी शारदा महाशक्तिपीठ की प्रतिकृति का निर्माण संभव किया है। टीटवाल में शारदा मंदिर को 1947 में जला दिया गया था, और अब इसका पुनर्निर्माण किया गया है।”
प्रदीप भंडारी ने आगे लिखा की “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि वह मेरे काम के काफी बड़े फैन हैं, और उन्होंने मुझे यह भी बताया कि एलओसी और पीओके के आसपास के लोग मेरे काम को नियमित रूप से देखते हैं। मैं उन्हें टीटवाल शारदा मंदिर का प्रसाद देने के लिए धन्यवाद देता हूं। जो लोग नहीं जानते उनके लिए बता दूं कि शारदा महाशक्ति पीठ ज्ञान का केंद्र था, और सबसे पुराना विश्वविद्यालय भी था। यहां तक कि नालंदा और तक्षशिला से भी पुराना। यह वही स्थान है जिसने आदि शंकराचार्य के माध्यम से सनातन को पुनः जन्म दिया। आइए हम सब मिलकर काम करें और PoK में स्थित शारदा शक्तिपीठ को हिंदुओं के लिए फिर से खोलने का प्रयास करें!”
I am delighted to meet my friend Ravindra Pandita ( @panditaAPMCC63 ) today in Delhi. He is working tirelessly to ensure that Hindus get darshan at Sarda MahaShaktiPeeth in Neelum POK. It is because of his continuous efforts that Sarda MahaShaktiPeeth is protected from… pic.twitter.com/XI25gfqsjW
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) July 17, 2023