लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष एकजुट हो गया है। 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी एकता की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई राज्यों के सीएम और दलों के नेता शामिल हुए। अब इस बैठक को लेकर AIMIM ने हमला बोला है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि हमें बैठक में इसलिए नहीं बुलाया गया, क्योंकि हम राजनीतिक अछूत हैं।
वारिस पठान ने कहा कि बेंगलुरु में हुई बैठक में नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी शामिल थीं, जो कभी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे, लेकिन अब ये सभी अचानक से सेक्यूलर हो गए हैं। दिल्ली के मुख्यंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात में जाकर कांग्रेस को गाली दे रहे थे अब जाकर उनके साथ बैठ गए हैं।
AIMIM प्रवक्ता वारिस पठान ने विपक्षी दलों आरोप लगाया कि उनकी पार्टी को विपक्ष से अलग-थलग रखने की कोशिश की जा रही है, लेकिन AIMIM संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ती रहेगी। बीजेपी को हराना ही उनका मकसद है। AIMIM का उद्देश्य बीजेपी को 2024 में सत्ता में आने से रोकना है और नरेंद्र मोदी फिर से पीएम न बनें। जब हमारा मुद्दा एक है तो फिर हमें विपक्ष नजरअंदाज कैसे कर सकते हैं।
वारिस पठान ने कहा कि जो शख्स यूसीसी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, सविंधान को बचाने की बात कर रहा है उसे इग्नोर किया जा रहा है। जबकि, प्रफुल्ल पटेल साहेब पहली बैठक में साथ थे बाद में बीजेपी के साथ चले गए।अब वे मंत्री बनने वाले हैं लेकिन वो आपको नहीं दिखता।