मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार सवालों के घेरे में है। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर बोलने के लिए कह रहा है। तो वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह का इस्तीफा मांग रहा है। वहीं बीजेपी भी विपक्ष पर हमलावर है। इस बीच बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने ट्वीट शेयर करते हुए बताया है कि किस प्रकार से मोदी सरकार में मणिपुर में उग्रवाद की घटनाओं में कमी आई है।
अमित मालवीय ने आंकड़े शेयर करते हुए लिखा कि मणिपुर में हिंसा पर भाषण दे रही है कांग्रेस? क्या उन्होंने अपना ट्रैक रिकॉर्ड देखा है? हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वर्तमान संघर्ष कांग्रेस पार्टी की विरासत है। एक जातीय समूह को दूसरे के खिलाफ खड़ा करना ही कांग्रेस के पास सत्ता में बने रहने का एकमात्र तरीका था।
अमित मालवीय ने जो आंकड़े शेयर किए उसके अनुसार यूपीए सरकार के कार्यकाल 2004 से 2013 के बीच मणिपुर में उग्रवाद की 4763 घटनाएं हुई। जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल 2014 से 2023 के बीच मणिपुर में उग्रवाद की 1602 घटनाएं हुई। आंकड़ों से साफ पता चलता है कि मणिपुर में उग्रवाद की घटना में करीब 3 गुना तक कमी आई है।
The Congress is lecturing on violence in Manipur? Have they seen their track record?
Lets not forget the current conflict is a legacy of the Congress party… Pitting one ethnic group against the other was the only way Congress knew how to remain in power.
Here is a look at the… pic.twitter.com/8Vukj0dAhM
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 21, 2023
उग्रवाद की घटनाओं की ही नहीं बल्कि इन घटनाओं में मारे जाने वाले नागरिकों की संख्या में भी करीब 3 गुना तक की कमी आई है। 2004 से 2013 के बीच यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान मणिपुर में करीब 772 आम नागरिकों की हत्या हुई थी, जबकि मोदी सरकार में आंकड़ा करीब 3 गुना गिरकर 122 पर आ जाता है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि मोदी सरकार ने उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर को किस तरह से हैंडल किया है।