पिछले नौ साल में आरबीआई और सरकार की सख्ती के बाद बैंकों ने फंसे हुए कर्ज पर तेजी से काम किया है। फंसे हुए कर्ज का बोझ कम करने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक के स्तर पर किए गए उपायों से बैंक पिछले नौ साल में 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि की वसूली करने में सफल रहे हैं।
बैंकों ने फंसे कर्जों का बोझ कम करने के लिए सरकार और आरबीआई के उपायों की बदौलत नौ साल में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बकाया वसूली की है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने इस अवधि में कुल 10,16,617 करोड़ की वसूली की है।
आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक फंसे कर्जों की मात्रा पिछले पांच वर्षों में घटी है। 2018-19 के अंत में बकाया एनपीए 7,09,907 करोड़ रुपये था, जो मार्च, 2023 में घटकर 2,66,491 करोड़ रुपये रह गया।
वित्त वर्ष 2023 में बैंक अपने राइट ऑफ किये गए लोन में से सिर्फ 45 हजार 548 करोड़ रुपये वसूल पाने में सक्षम रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों में राइट ऑफ किए गए 5 लाख 86 हजार 891 करोड़ लोन में से बैंक महज 1 लाख 9 हजार 186 करोड़ की वसूली कर पाए। इससे पता चलता है कि देश के सभी बैंक तीन साल की अवधि के दौरान अपने बट्टे खाते में डाले गए लोन का सिर्फ 18.60 फीसदी हिस्सा ही वसूल पाये।