डिजिटल लेनदेन के मामले में भारत ने बड़ी मिसाल कायम की है। यूपीआई से लेनदेन के मामले में भारत पूरी दुनिया में टॉप पर पहुंच चुका है। साल 2022 के डाटा के मुताबिक, साल 2021 की तुलना में भारत सबसे आगे रहा है। देश के डिजिटल पेमेंट में 91 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत ने चीन को भी काफी पीछे छोड़ दिया है।
भारत का डिजिटल ट्रांजेक्शन 89.5 मिलियन रहा है। भारत टॉप पर है। भारत के बाद ब्राजील 29.2 मिलियन, चीन 17.6 मिलियन, थाईलैंड 16.5 मिलियन और साउथ कोरिया 8 मिलियन के साथ चौथे नंबर पर है। ये देश कभी डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत से आगे हुआ करते थे। अब अगर इन चारों देशों के आंकड़ों को मिला दिया जाए तो भी भारत काफी आगे है।
हाल के वर्षों में भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि देश में स्मार्टफोन और इंटरनेट एक्सेस को अपनाने में तेजी से वृद्धि देखी गई है। इससे मोबाइल वॉलेट, यूपीआई और कार्ड भुगतान जैसी डिजिटल भुगतान विधियों के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हालाँकि, अभी भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा नकद लेनदेन पर निर्भर है, और सरकार डिजिटल भुगतान के उपयोग को बढ़ावा देकर इसे बदलना चाह रही है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा 2016 में लॉन्च के बाद से यूपीआई ने भारत में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है। यहां जनवरी 2023 तक साल-दर-साल विकास आंकड़ों के साथ भारत में यूपीआई यात्रा की कुछ झलकियां दी गई हैं।
सरकार द्वारा डिजिटल-फर्स्ट पुश और मजबूत डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत “फेसलेस, पेपरलेस, कैशलेस” अर्थव्यवस्था शुरू करने का मिशन, स्मार्टफोन स्वामित्व में वृद्धि, इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार में वृद्धि, फिनटेक खिलाड़ियों का प्रवेश और तकनीकी नवाचार भारत के डिजिटल को शक्ति प्रदान कर रहे हैं।