चीन में विश्व यूनिवर्सियाड खेलों के लिए अरुणाचल प्रदेश के तीन वूशु खिलाड़ियों के वीजा पर विवाद बढ़ गया है। दरअसल, काफी समय से टालमटोल कर रहे चीन ने बुधवार को उनके लिए नत्थी वीजा जारी किया था। इस पर विरोध जताते हुए भारत ने पूरी टीम ही चेंगदू भेजने से रोक दी। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की वूशु टीम के अन्य पांच सदस्य 28 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों के लिए रवाना होने देर रात दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। पर वे जहाज पर सवार नहीं हुए।
चीन की ओर से नत्थी वीजा जारी किया जाता है। इस प्रकार के वीजा में इमिग्रेशन ऑफिसर पासपोर्ट पर स्टाम्प नहीं लगाता, बल्कि अलग से एक कागज या पर्ची को पासपोर्ट के साथ स्टेपल यानी नत्थी कर देता है। इस वजह से इसे नत्थी वीजा कहते हैं।
दो दिन पहले भारत के साथ आम सहमति बनने का राग अलापने वाले चीन का दोगला चेहरा फिर सामने आ गया है। चीन की गंदी बात के चलते भारतीय वुशू टीम को रवानगी से पहले एयरपोर्ट पर ही रोकना पड़ा है। इन खिलाड़ियों को बुधवार रात को चीन के चेंग्दू शहर रवाना होना था, जहां वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स का 28 जुलाई से 8 अगस्त तक आयोजन हो रहा है।
चीन ने इस टूर्नामेंट के लिए टीम में शामिल बाकी खिलाड़ियों को सामान्य वीजा जारी किया, लेकिन अरुणाचल प्रदेश के तीन खिलाड़ियों को स्टेपल वीजा जारी किया है. इसके विरोध में ही भारत ने टीम की रवानगी रोक दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इसे लेकर चीन से जवाब तलब किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा, हमारे कुछ खिलाड़ियों को चीन में एक अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धा के लिए स्टेपल वीजा जारी किया गया। ये अस्वीकार्य है। हमने इस मामले में चीन को अपना मजबूत विरोध दर्ज कराया है।