दिल्ली सर्विस बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा का सत्र हंगामेदार रहा। सोमवार को बिल पर चर्चा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सदन के सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों पर जवाबी भाषण दे रहे थे। अमित शाह का भाषण जैसे-जैसे उठान पर पहुंचता गया सदन में हंगामे का मीटर भी ऊपर उठता रहा। एक समय ऐसा आया जब राज्यसभा में सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को खड़े होकर हंगामा कर रहे सांसदों को शांत होने के लिए कहना पड़ा।
अमित शाह ने कहा, “संविधान सभा में सबसे पहला संविधान संशोधन पारित किया गया था।तब से संविधान को बदलने की प्रक्रिया चल रही है। हम संविधान में बदलाव आपातकाल डालने के लिए नहीं लाए हैं। कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।”
आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, “आम आदमी पार्टी का जन्म ही कांग्रेस का विरोध करके हुआ है। लगभग 3 टन तक गाली कांग्रेस को देकर ये सरकार में आए और आज अनाधिकृत अधिकार प्राप्त करने के लिए कांग्रेस का समर्थन ले रहे हैं और कांग्रेस वाले गठबंधन बचाने के लिए साथ दे रहे हैं। यह बिल किसी पीएम को बचाने के लिए नहीं है। कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का हक नहीं है। आज AAP की गोद में बैठी कांग्रेस यह बिल पहले लेकर आई थी।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने AAP पर हमला बोलते हुए कहा कि शराब घोटाले का भी जिक्र किया। जैसे ही उन्होंने इसे अपने भाषण का हिस्सा बनाना शुरू किया, तुरंत ही सदन में विरोधी पार्टी के सुर हमलावर हो गए और हंगामा शुरू हो गया। अमित शाह ने केजरीवाल के आवास को लेकर ‘शीशमहल’ शब्द का इस्तेमाल किया था। हंगामें पर अमित शाह ने कहा कि शीशमहल में असंसदीय कुछ भी नहीं है। अमित शाह ने अपने बयान से AAP पर हमला बोलते हुए कहा कि इनका उद्देश्य विजिलेंस विभाग में तबादले कराना है। शाह ने कहा कि आधी रात में AAP के नेताओं ने विजिलेंस विभाग में जाकर कागजों को इधर-उधर किया।