हरियाणा के नूह में 31 जुलाई को हुए दंगों में 6 लोगों की मौत हुई थी, और करीब 60 लोग घायल हुए। दंगाइयों ने न सिर्फ बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की यात्रा पर पत्थरबाजी की बल्कि पहाड़ों पर छुप कर अवैध हथियारों से उनपर गोलीबारी भी की। इन दंगों में पानीपत के 22 वर्षीय अभिषेक चौहान और बागपत के 32 वर्षीय प्रदीप शर्मा की कट्टरपंथियों द्वारा बेरहमी से हत्या कर दी गई।
जिस तरह से दंगाइयों ने हिंदू यात्रा पर हमला किया और पहाड़ों में से घात लगाकर श्रद्धालुओं पर गोलियां चलाई उससे एक सवाल सबसे महत्वपूर्ण हो गया था कि क्या ये दंगा पूरी तरह से पूर्व नियोजित था?
इस सवाल का जवाब प्रदीप भंडारी की ग्राउंड रिपोर्ट ने दे दिया है। पहले शनिवार को पानीपत से अभिषेक चौहान के घर रिपोर्ट और उसके बाद अब सोमवार को बागपत से प्रदीप शर्मा के घर से की गई रिपोर्ट ने एकदम साफ कर दिया है कि नूह में हुआ दंगा पूरी तरह से पूर्व नियोजित था, जिसमे की तमाम लोकल नेता भी शामिल थे।
सोमवार को जन की बात के यूट्यूब पर जारी एक रिपोर्ट में नूह दंगों में कट्टरपंथियों का शिकार बने प्रदीप शर्मा के दोस्तों ने प्रदीप भंडारी को बताया की दंगा पूर्व नियोजित था। प्रदीप शर्मा की हत्या कट्टरपंथियों ने नूह से लगभग 20 किलोमीटर दूर सोहना में घेरकर की गई। दोस्तों ने ये भी बताया की प्रदीप शर्मा का शव लेने जब वो लोग पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उसकी गर्दन के ऊपर चेहरे का पूरा हिस्सा बुरी तरह से कुचला हुआ था। उसकी गाड़ी में हर तरफ खून था और आगे का शीशा पत्थर मार कर तोड़ा गया था।
उन्होंने बताया की प्रदीप शर्मा के शव में गर्दन से नीचे का पूरा शरीर एकदम सही सलामत था लेकिन चेहरा पूरी तरह से कुचला गया था और उसकी खोपड़ी पर दरारें पड़ी हुई थीं। जिसका सीधा मतलब है की प्रदीप शर्मा की पूर्व नियोजित तरीके से घेरकर बेरहमी से हत्या की गई।
इसी तरह शनिवार को पानीपत के 22 वर्षीय अभिषेक चौहान के दोस्त ने भी बताया की जब दंगाइयों ने पत्थर मारने शुरू किए तो वो लोग एक मंदिर में जाकर छुप गए। लेकिन दंगाई मंदिर के चारो ओर पहाड़ों में छुपकर बैठे थे और महिलाओं और बच्चों पर खतरनाक हथियारों से गोलियां चला रहे थे। जिसमें से एक गोली अभिषेक को भी लगी। उसके बाद दंगाइयों ने अभिषेक को एंबुलेंस से उतार कर उसकी गर्दन काट दी और उसके चेहरे को पत्थर से कुचलने की कोशिश की। अभिषेक के दोस्त ने ये बताया की उन दंगाइयों के पास पेट्रोल बम भी थे।
प्रदीप भंडारी की इन दोनो रिपोर्ट्स में प्रत्यक्षदर्शियों को सुनने के बाद एक बात तो साफ हो जाती है को नूह में हुआ दंगा पूर्व नियोजित था। कट्टरपंथियों की मंशा साफ थी की हिंदू श्रद्धालुओं को घेरकर मौत के घाट उतारा जाए।